सॉलिड ‘फैन’ की कमजोर कहानी –

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  1. इसी जुगत में वे बतौर एक कलाकार अपना लोहा दोबारा से सिद्ध करने में लगे हैं. वैसे भी पिछली फिल्में उनकी मल्टीस्टार कास्ट वाली थी.
  2. इस बार शाहरुख ने कुछ हटकर करने का फैसला किया था और फिल्म में सिर्फ शाहरुख खान ही नजर आए. विलेन भी शाहरुख, हीरो भी शाहरुख, फैन भी शाहरुख और सुपरस्टार भी शाहरुख. लेकिन फिल्म देखकर जो बात मन में आई वह यही थी कि फिल्म समझ तो आई लेकिन दिल में नहीं आई.
  3. मनीष शर्मा ने विषय अच्छा चुना, पहला हाफ भी मजेदार रहा लेकिन वे वैसा बिल्डअप नहीं कर सके जैसा इस तरह की थ्रिलर के लिए किया जाता है. फिर जो डर नजर आना चाहिए था या जो दहशत शाहरुख की पहली फिल्मों में दिखी थी चाहे वह ‘बाजीगर’ हो या फिर ‘डर’ वह इसमें पूरी तरह नदारद है.
  4. कुल मिलाकर यह एक औसत फिल्म बनकर रह जाती है, जिसमें कुछ भी अप्रत्याशित नहीं होता और सब कुछ बहुत ही स्वाभाविक है. लेकिन फिल्म थ्रिलर कहना बिल्कुल ही गलत होगा.
  5. फिल्म के पहले दिन पहले शो में अच्छा रिस्पॉन्स था. शाहरुख खान के ‘फैन’ अच्छी संख्या में आए थे, लेकिन बाहर आते समय उनकी जुबान पर यही शब्द थे कि पहला हाफ मजेदार था. आज फैन रिलीज हुई है और दिल्ली में ऑड ईवन भी लागू हुआ है. इस तरह गाड़ी वाले सिने प्रेमियों की बात करें तो उनकी संख्या आधी ही पहुंचेगी. बाकी यह फिल्म पूरी तरह से शाहरुख खान के फैन्स के लिए है.                                                                                     By Mohit Grover

By – Mohit Grover