Story By – Mohit Grover. Follow @mohitgrover77
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- उरी हमले के बाद से भारत पाकिस्तान के खिलाफ फ्रंटफुट पर खेल रहा है, जल मंत्री उमा भारती ने आज सिंधु समझौते की समीक्षा करने के लिए एक बैठक बुलाई.
- यह समझौता 1960 में दोनों देशों के बीच में हुआ था. जिसपर भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के सैन्य शासक मार्शल अयूब खान ने संधि पर हस्ताक्षर किए थे.
- इस संधि के तहत भारत अपनी 6 नदियों का लगभग 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को देगा. इन नदियों में ब्यास, रावी, सतलज, सिंधु, चिनाब और झेलम नदियों के पानी का दोनों देशों के बीच बंटवारा होगा.
- विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा है कि हर कूटनीतिक कदम के बारे में खुलकर बात नहीं की जा सकती है. स्वरूप ने कहा कि हमारा काम अपने आप बोलता है, और हमारे एक्शन के नतीजे आने शुरू हो गए हैं.
- यह समझौता पाकिस्तान के लिए लाइफ लाइन जैसा है. ऐसे में यदि इसे लेकर बातचीत से समस्या हल नहीं हुई तो पाकिस्तान सरकार भारत पर दबाव बढ़ाने के लिए दूसरे हथकंडे भी अपना सकती है.